INTRODUCTION

इस महाविद्यालय की स्थापना मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग आदेश क्रमांक एफ-44/2/83/स्था./30 भोपाल, दिनांक 22.09.83 के तहत 22 सितम्बर 1983 को हुआ। यह महाविद्यालय दूरस्थ ग्रामीण अंचल में स्थित है। महाविद्यालय की स्थापना के समय यह बिलासपुर जिले के अन्तर्गत था । छ.ग. राज्य के गठन के बाद यह महाविद्यालय अब नव गठित जांजगीर-चांपा जिले के अन्तर्गत हैं, जिला मुख्याल से लगभग 90 कि.मी. दूरी पर पूर्व दिशा में महानदी और बोराई नदी के संगम के निकट स्थित है एवं बम्बई हावड़ा रेलवे मुख्य मार्ग में खरसिया स्टेशन से 25 कि.मी. पर स्थित महाविद्यालय की स्थापना से इस अंचल के निर्धन छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा की अच्छी सुविधा उपलब्ध होने लगी है। शासन के अनुसार दूरस्थ ग्रामीण अंचल में उच्च शिक्षा को शुलभता हेतु की गई महाविद्यालय की स्थापना अब फलीभूत हो रहा है । यह महाविद्यालय पूर्व में हायर सेकण्ड्री स्कूरी, डभरा के भवन में संचालित था |

सत्र 1990 से लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित भवन में संचालित हो रहा है। वर्ष 2002 में जनभागीदारी मद से यहां छात्र एवं छात्राओं हेतु सायकल स्टैण्ड का निर्माण किया गया । विगत दो वर्षों से शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालय परिसर में जो लगभग 10 एकड़ है जिसके आंशिक भू-भागों में लगभग 1000 छायादार एवं फलदार वृक्षों का रोपड़ किया गया है एवं विगत वर्ष 2012 में महाविद्यालय के 0.75 एकड़ में बागवानी का निर्माण किया गया है। जिसके सिंचाई हेतु ड्रीप लाइन की व्यवस्था की गई है । महाविद्यालय में पेयजल व्यवस्था हेतु 5 एच.पी. के सबमर्सिबल और गत वर्ष ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के सौजन्य से एक मोटर पंप लगाया गया है एवं यू.जी.सी. मद से छात्रा कॉमन कक्ष एवं शुद्ध शीतल पेयजल हेतु वाटर कूलर की व्यवस्था की गई है।
महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर बी.ए./बी.कॉम./बी.एस.-सी. तथा स्नातकोत्तर स्तर पर राजनीति शास्त्र की कक्षाएं संचालित है । यह महाविद्यालय नगर के ज्ञान पिपासु एवं प्रबुद्ध छात्र-छात्राओं के लिए ज्ञानोपार्जन का केन्द्र बन चुका है। सभी विषयों का अध्यापन योग्य, अनुभवी एवं विद्वान प्राध्यापकों द्वारा किया जाता है।
स्थापना वर्ष के प्रारंभिक चरणों में महाविद्यालय में कुल छात्र संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। महाविद्यालय के निकटवर्ती निजि महाविद्यालय खुलने के पश्चात सत्र 2012-13 में छात्र संख्या 789 से उपर पहुंच गई आगामी सत्रों में हमारा लक्ष्य उत्तरोत्तर गुणात्मक विकास होगा।
इस महाविद्यालय में अध्ययन पश्चात अनेक छात्र-छात्राएं प्रशासनिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं औद्योगिक क्षेत्र के विकास में अपनी अहम् भूमिका निभा रहे है । महाविद्यालय में नये विषयों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का प्रयास निरंतर जारी है।